दोस्तों! हर इंसान में कुछ अच्छी आदतें और कुछ गलत आदतें होती हैं। अच्छी आदतें हमे सक्सेस बना देती हैं और गलत आदतें हमें फैलियर बनाती हैं । दोस्तों जब आदत से ही इंसान सक्सेस या फैलियर बनता है तो आदतें तो बदली जा सकती हैं ! गलत आदतों को बदलकर हम सक्सेस बन सकते हैं! आइये जानते हैं कि किन -2 गलत आदतो को बदलना अनिवार्य है -
१ किसी भी चीज का हैबुच्वल होना :- दोस्तों ! कई लोग गलत चीजो के हैबुच्वल हो जाते हैं | जैसे- शराब ,सिगरट गुटका या देर तक सोने के और फिर उस आदत को चाहकर भी नहीं छोड़ पाते | हमे अपनी सहूलियत व समय के अनुसार खुद की आदतों को बदलते रहना चाहिए । कहते हैं कि -
"जो लोग समय के अनुसार खुद को नही बदल सकते वो जिंदगी में आगे नही बढ़ सकते "
२ दोस्तों में समय बर्बाद करना :- एक बात याद रखना, हजारों लोगो में से एक दो ही मुश्किल से कोई सच्चा दोस्त मिलता है। और किसी से ही आजीवन हमारी दोस्ती रहती है। वरना सब सेलफिश और टाइम पास ही होते हैं। जो काम निकलने पर छोड़ कर चले जाते हैं और उनके चक्कर में फंस कर घर ,परिवार, कार्य व बच्चो पर क्वालटी समय नही दे पाते। जब कि वो लोग सिर्फ अपना टाइम पास और हमारा टाइम बर्बाद करते हैं। वे अपने मतलब के लिए हमे यूज करते हैं और हम बेकुफो की तरह अपना कीमती समय बर्बाद करते हैं । आप खुद सोचो कि आपके कितने सच्चे दोस्त हैं ? कितने आपके सुख दुःख में साथ दे सकते हैं? कितने लोग आपको समझते हैं? कितने लोग आपकी पीठ पीछे क्रिटिसाइज नही करेंगे ? कितने लोगो पर आप विश्वास कर सकते हैं ?ज्यादातर लोग ऐसे होंगे जो आपके सामने मुंह मीठे और बाद में आपकी जड़ काटने वाले होंगे । एक इमेज पढ़ी थी -
" अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैने , ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था "
होने के लिए ये एक नैगेटिव थोट है ,लेकिन इसे हम नकार भी नही सकते। ये भी सच है कि वे ही लोग हमे धौखा देते हैं, जिन पर हम खुद से ज्यादा यकीन करते हैं। अगर आपको ये लगता है की आपके बहुत सारे दोस्त हैं तो आप कुछ ऐसा करिये, जो कभी उन्होंने ने किया हो, जिसे वो करने में सक्षम ना हो, जिससे आपकी समाज में इज्जत हो नाम हो। तब देख लेना जो दोस्ती का दावा करते हैं, वे ही भागते दिखेंगे। फिर आप अकेले या एक दो ही रह जाओगे। सच्चे दोस्त की पहंचान दुःख में नहीं सुख में होती है। दुःख में किसी को ईर्ष्या नहीं होती या कोई तुलना नही करता। सुख में जलन होती है जो आपके सुख में दिल से साथ है वही आपका सच्चा दोस्त है । लेकिन ऐसे लोग कमी मिल पाते हैं जो दुसरो के सुख में दिल से साथ हो नही तो-
"हम कितने ही बड़े व बुद्धिमान क्यों न हो जाएं फिर भी किसी दूसरे की सफलता का उतसव पुरे दिल से नही मना पाते "
३ फिजूल खर्च करना :- कई लोग खुद से ही परेशान हैं कि अपने खर्चे कम कैसे करें। कई लोगो के अधिक दोस्त होने की वजह से सामाजिक दायरा बढ जाता है, घूमते फिरते ज्यादा हैं इस वजह से दोस्तों पर खर्च ज्यादा होता। इसलिए बोल चाल सबसे रखो लेकिन दोस्त कम बनाओ। उनपर भी ज्यादा खर्च करके अपने लिए और उनके लिए बोझ मत बढाओ । कहते है कि -
" इस तरह ना कमाओ कि पाप हो जाएं ! इस तरह ना खर्च करो कि कर्ज हो जाएं ! इस तरह ना बोलो कि क्लेश हो जाएं "
सिर्फ इंसानियत के नाते या समाज में रहने के नाते ही खर्च करें । और एक ऐसा लक्ष्य बनऐ जिसमे बहुत सारा पैसा चाहिए। इससे आप सोच समझकर पैसे खर्च करने लगोगें ।
४ रिस्तों का आदी होना :- हम दोस्तों या किसी भी रिश्ते के इतने आदी हो जाते हैं कि हम अपनी लिम्ट ही भूल जाते हैं। हम ये भूल जाते हैं कि दोस्त या रिलेटिव हमारी परछाई नहीं हैं जो वो हर जगह हमारे साथ चले या हमारा साथ दें । उनकी भी पर्स्नल लाइफ है । कई बार हम उनकी गलतियों पर पर्दा डालते हैं। या गलत बातों में भी हाँ में हाँ मिलाते हैं। और सही गलत का विचार किये बिना ही उनकी सलाह मान लेते हैं । जबकि हमारा सलाहकार कौन है ये बहुत महत्वपूर्ण है क्यों कि-
" दुर्योधन शकुनि से सलाह लेता था और अर्जुन श्री कृष्ण से "
हमेशा सही इंसान से सलाह लेनी चाहिए और सच का साथ देना चाहिए। इससे आपके साथ कोई रहे या ना रहे । ये डर मन से निकाल देना चाहिए। जो आपको सही सलाह या सच का साथ देने से रोकें, उसे ज्यादा समझाने की कोशिस नही करनी चाहिए। कहते हैं कि -
" स्पष्टीकरण वहां देना चाहिए ,जहां उसे सुनने और समझने वाला एक खुला दिमाग हो । अगर किसी ने आपको गलत मान लिया है तो उस पर सफाई देने का मतलब खुद को खुद की नजरो में गिराना है "
५ आलश्य में पड़े रहना :- आलसी इंसान का कोई भी कार्य समय पर पूरा नही हो पाता। और होता भी है तो उसकी क्वालटी डाउन रहती है क्यों कि वो जो भी करेगा समय रहते नही करेगा फिर जल्द बाजी में अच्छी तरह से नही कर पायेगा। अगर आप लाइफ में आगे बढ़ना चाहते हो तो अपने सामने एक लक्ष्य तय कीजिये। जब आपके सामने लक्ष्य होगा तो आप आलश्य नही कर पाओगे। आप अपने लक्ष्य के पीछे ऐसे लगोगे कि आप की आलस्य करने आदत छूट जाएगी । इसलिए कामयाब होने का संकल्प लो। और एक बात का हमेशा ध्यान रखना कि गलत आदतें उन्ही लोगो में पाई जाती हैं जिनकी लाइफ का कोई मकसद नही होता ।