Saturday, July 30, 2016

अन्धविश्वास एक दलदल है इसमें ना फंसे !

             



 दोस्तों  जीवन में उतार चढाव चला ही रहता है, कभी सुख तो कभी दुःख रात दिन की तरह चलते ही रहते हैं । कभी लाभ तो कभी नुकसान, कभी जन्म तो कभी मृत्यु लगी ही रहती है । और ये होगा भी अगर जन्म होता रहे और लोग मरे  ही ना तो दुनिया में कहा समाएगी जनता  ? और कमाते ही रहे कोई नुकसान नही हुआ तो क्या करेगे इतने धन का ? 

शरीर एक तरह की मशीन है।  जब ये चलती रहेगी तो इसे भी तो रिपेयरिग की जरूरत पड़ेगी । गाड़ी का भी तो इंजन ओवरहाल होता है ? तो इस बॉडी का क्यों नही होगा? कई गाड़ी ठीक निकल जाती हैं या देखरेख जिनकी अच्छी होती है उनका रिपेरिग का खर्च कम होता है कई का ज्यादा । तो इसमें परेशान या अन्धविश्वास वाली बात कहा से आई  ?

में अपना ही एक अनुभव  बताती हुं - में अन्धविश्वासी तो नही हुं लेकिन एक बार हालात ऐसे खराब हुए की हमारी कई गाड़ी एक्सीडेंट हुई जिसकी वजह से हम पर बहुत सारा कर्जा हो गया फाइनेंशियल तोर पर हम बहुत ही वीक होंगे । में बहुत ज्यादा टेंशन में रहने लगी । में ये सोच कर पूजा पाठ की तरफ ज्यादा ही बढ़ती गई । 

मेरी मुलाकात एक ऐसी लेडिस से हुई जो थी तो बहुत ही भली और हैल्पफुल लेकिन वो भी परेशानियों की वजह से बन चुकी थी पूरी अन्धविश्वासी । उसने मुझे एक तांत्रिक से मिलाया । जब में उससे मिली तो उसने बातों बातो में मेरे से मेरे घर की सारी  जानकारी ले ली । 

उस समय तो वो बीजी होने का बहाना करके चला गया । लेकिन दूसरे दिन ही वो आ गया । और  बहाना लगाया की इनके ऊपर करा धरा है अगर इन्होंने जल्दी इसका उपाय नही किया तो सब कुछ नष्ट हो जायेगा । इतना सुनकर मेरे पैरो तले की मिटटी खिसक गई । मैने अपने हसबेंड को मनाने की कोशिस की सिफारिस लगवाई और इमोशनली ब्लैकमेल किया । जब जाके वो उस तांत्रिक से मिलने के लिए तैयार हुए । 

मेरे हसबैंड बहुत ही समझदार और सहनशील इंसान हैं उन्होंने मेरा दिल रखने के लिए हाँ कह दिया उसे हमारे घर बुलाया गया । उसने गाड़ियों का काम सुनकर ही एक लाख मांगे , मेने हाँ कह दी  क्यों कि  उस समय तो मुझे ये लग रहा था की कैसे भी हम इस परेशानी से उभर जाएं । उसने अपना नाटक करके मेरे बारे में तो सब ठीक बता दिया क्यों कि कुछ मुझसे जान चूका था और कुछ मेरी सहेली से । लेकिन जब मेरे हसबैंड के बारे में बताने का नम्बर आया, तो उसकी बोलती बंद।  वैसे भी मेरे हसबैंड मजाकिया किस्म के हैं तो उन्होंने तो उसकी उलटी क्लास ले ली । 

उसकी मेरे हसबैंड के सामने एक भी नही चल पाई।  और वो ये कह के चला गया की कुछ आड़े आ रहा है इनके बारे में मै बाद में बताऊंगा । और आज तक लौट कर  नही आया । मेरी उस सहेली के घर भी ऐसी ही एक परेशानी थी उससे वो ५० हजार लूट कर  ले गया ।  और कुछ दिनों के बाद हमारी गाड़ी तो फिर पटड़ी पर आ गई लेकि मेरी सहेली काफी दिन बाद ठीक हो पाई । 

दोस्तों ये कहानी मैने आपको क्यों सुनाई ? मनोरजन के लिए,  नही  मेंने इसलिए बताई है कि जीवन में कई बार ऐसी समस्याएं आकर खड़ी हो जाती हैं जिनसे लगता है की अब में इस समस्या से बाहर नही निकल पाऊंगा । लेकिन ऐसा नही है धीरे धीरे सब समाधान निकल जाता हैं । कहा है किसी ने - 

 " जब तुझसे न सुलझें ,तेरे उलझे हुए धंधे ,भगवान के इंसाफ पे सब छोड़ दे बन्दे ।  खुद ही तेरी मुश्किल को वो आसान करेगा, जो तू नही कर पाया वो भगवान करेगा  "   

 और दोस्तों अगर ये सब करा धरा या तांत्रिको के करने से  तो पाकिस्तान ने अब तक इंडिया  को उड़ा दिया होता क्या जरूरत थी उन्हें इतना पैसा खर्च करके इंडिया वालो को परेशान करने की । और दोस्तों अगर आप कामयाब हो लीक से हट क्र कुछ कार्य करते हो तो दोस्त और दुश्मन तो दुनियां में बनेगें । और मेरे तो हमेशा ही ऐसे लोग अपोजिट रहें हैं जो कपडों से ज्यादा पंडित बदलते हैं । अगर ये करना धरना चलता तो में बर्बाद होनी चाहिए थी ।  

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