Monday, July 25, 2016

नई आदत कैसे डालें !!!


                     


दोस्तों ! हर इंसान जीवन में कुछ आदतों को छोङना चाहता है, अच्छी आदते डालना चाहता है। पर डाल नही पाता । कैसे डालें नई आदत इसे समझा ने के  लिए में आपको एक उदहारण देती हुँ - 


चीनी बांस एक बहुत ही अनोखा पेड़ है । ये बांस के अन्य पेड़ों के विपरीत ,काफी लंबे समय तक तो उगता ही  नही है। बीज बोते है पानी देते हैं खाद देते हैं । फिर भी लंबे समय तक कुछ भी नही उगता । यही सिलसिला सात साल तक चलता रहता है । आपको लगता है की बीज अंदर सड़ गया है ?लेकिन सात  साल के बाद एक छोटा सा पौधा अंकुरित होता दिखाई देता है  - दो छोटी सी पत्तियां बलपूर्वक जमीन से बाहर निकलने के लिए अपना रास्ता बना लेती है। ऐसे में कोई भी सोच सकता है कि जिस  बीज को सिर्फ अंकुरित होने में पांच साल का  समय लग गया ,उसे  आगे विकसित होने की संभावना क्या होगी ?  चीनी बांस का यह वृक्ष केवल सात सप्ताह में अस्सी फुट की उचाई छू लेता है । पहले पांच वर्ष में जब इसमें बाहर कुछ होता नहीं दिखाई देता ,तो ये वास्तव में जमीन के निचे बढ़ रहा होता है । 


ये उदहारण मैने इस लिए  दिया है की इससे अच्छा उद्धरण मुझे नहीं लगा की आपको समझाने में कामयाब होगा । जब आप  पढते, सुनते, सीखते हैं तो धीरे धीरे कही ना कही उसे  आप अपने जीवन में उतारते हैं। वो धीरे धीरे आपके जीवन का  हिस्सा बन जाता है । उससे आप की  नीव गहरी बनती जाती है। जब आपकी नीव मजबूत हो जाती है तो दुनियां की कोई भी ताकत आपको ऊचाई छुने से नही रोक सकती।  आप जितना ऊपर जाना चाहते हो उतना ही आपको अपनी जड़ो को मजबूत और गहरी करना होगा। गहराई  में ही समय लगता है । यदि आप गहराई में जाने से नही डरते तो आपको उचाई पर पहुँचने  में भी समय नही लगेगा ।  

 विचारो में सकारात्मकता और द्रढ़ता रखें :- विचार ही कार्य में परिवर्तित होते हैं । बिना विचार आये कार्य करना असम्भव है । यदि विचार व चिंतन सकारात्मक हैं तो कार्य भी अच्छे ही होंगे। व्यक्तित्व विचारो और चिंतन से बनता है । ये जीवन के अब तक विचारो व चिंतन का प्रतिफल है । विचारो दुवारा उन्नति कर जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करते हैं । ऐसा इसलिए क्यों कि  जीवन  विचारो का दर्पण है । भय व शंका के विचार रखने पर सफलता कैसे मिल सकती है ? विषम प्रस्थिति  में भी सकारात्मक सोच व द्रढ़ता  लक्ष्य की तरफ आकर्षित  करती  है ।  

नियमित अभ्यास  करें :- यह मान लो की कोई भी काम जब  शुरू में करते है तो परेशानी तो आती हैं, उबाऊ तो होती हैं।  लेकिन  अभ्यास से धीरे धीरे वो  उबाऊ और परेशानिया कम होने लगती हैं । लेकिन बहुत ही अभ्यास की जरूरत होती  किसी भी काम में निपुणता के स्तर पर पहुँचने से  पहले,  १० ,००० घण्टे का औसतन अभ्यास करना पड़ता है । सही कहा है किसी ने - 

"अगर आप अभ्यास करने से ऊबते हो तो नए तरीके से  थोड़ा सा और अभ्यास करो । जब आप थक जाओ तो कोशिश करके थोड़ा और अभ्यास करो "

 दिन  प्रति  दिन अपने अभ्यास की तीव्रता और गुणवत्ता बढ़ाते जाओ । 
  
धैर्य रखें  :-  अगर इंसान हार ना माने तो जीवन में कभी भी असफल नही हो सकता । धैर्य ही सफलता की कुंजी है।  अपने आप से बेकार की अपेक्षा ना रखें ।  धैर्य रखें, किसी भी चीज में प्रवीणता हासिल करने के लिए । एक दम  से बीच में ना छोड़े । और न ही दूसरी आदत बनाने के लिए शुरू करें एक बार में एक ही चीज पर ध्यान लगाए । 


एकाग्रता  बनाएं रखें :- मैक्स लोकदो  ने अपने लेख में लिखा  है  -

" जो व्यक्ति आकेस्ट्रा की अगुवाई करना चाहता है ,उसका भीड़ की तरफ पीठ करना अनिवार्य है " 

जब आप पूर्ण एकाग्रता के साथ आगे बढ़ते हैं तभी आप ये समझ पाते हैं कि क्या आपके लिए अनिवार्य है और आपको किस की  उपेक्षा करनी है । नई आदत बनाने के लिए आप को अपने अंदर निर्भीकता व हिम्मत जगानी होगी । जो लोग आप जैसी सोच या द्रष्टिकोण नही रखते वे लोग आपकी बातो में अस्वीक्रति जताएंगे। उससे विचलित ना हो ।  

द्रढ़ विश्वाश  अनिवार्य है  :-अगर आप  खुद पर विश्वाश  नही करते  या  आप  का खुद पर विश्वाश डामाडोल है तो आप नई आदत सीखने मे कामयाब नही पाओगे । यदि आप  किसी भी परस्थिति में हार नही  मनते तो  अपने आप ही तीव्र प्रयास से पूर्णता को प्राप्त कर सकोगे। 





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