Monday, July 18, 2016

किसी से तुलना ना करें !

                                               



ज्यादातर लोगो को देखा होगा कि वो खुद को अधूरा, कमतर या बेहतर मानते हैं। मानसिक नाप तोल करते रहते हैं । जब आप ऐसे लोगो से मिलते हो तो आप भी हस्तांरित हो जाते हो। यदि आप किसी के सामने खुद को कमतर आंकते हो तो दुखी  महसूस करते हो और यदि खुद को बेहतर माप ते हो तो सुखी महसूस करते  हो । 

"अपने जीवन की दूसरों से तुलना ना करें। आपको इस बात का बिल्कुल भी भेद नहीं है कि उनकी जीवन यात्रा किस प्रकार की रही है "
                                                                            -एनोनिमस 


आइये आप को ऐसी ही तीन बहनों की कहानी सुनाती हुं -

तीन बहनें थी लेकिन तीनो के हालात अलग अलग थे । जो सबसे छोटी थी वो सबसे गरीब घर में थी,  जो बीच की थी वो मिडिल क्लास घर में थी, और जो सबसे बड़ी थी वो सबसे रहीस घर में थी । छोटी  और बीच वाली में बहुत प्यार था , जब भी  छोटी  बहन अपनी बीच वाली बहन से मिलती तो उसके ठाठ बाठ देखकर बेचैन हो जाती क्यों कि  अपने आपको कमतर आंकती थी। एक दिन उससे रहा ना गया  और बोल ही दिया कि बहन आप के पास सब सुख सुविधा है आप तो सुखी हैं। मेरी क्या है में तो बहुत ही गरीब हुं ! बीच वाली बहन बोली नही बहन में सुखी नहीं हुं मेरे पास सब सुख सुविधा तो है लेकिन मेरे पति  ने अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए बहुत कर्जा ले रखा है । अब उसे उतारने में बड़ी दिक्क्त हो रही है, मुझे डर लगता है कि अगर ये समय पर नही दिया गया तो सब कुछ बिक जाएगा, समाज में बदनामी होगी । हम तीनो बहनों में तो बड़ी बहन ही सुखी है क्यों कि उसके पास नाम है शोरहत है पैसा है विदेशों मे घुमती  है। चल बड़ी बहन से पूछते है वो कैसी है जब बड़ी बहन के घर पहुंचीं तो देखा की उसके पास बड़ा सा बंगला है, बड़ी बड़ी गाड़ियां हैं , घर में हर सुख सुविधा है,  अच्छा कारोबार है, बच्चे कामयाब हैं , पढ़ी लिखी घर में बहुएं है, कई नौकर हैं । बड़ी बहन से जाकर  दोनों  मिली, फिर बहन से बोली आप  ठीक हो ? आपको देखकर ख़ुशी होती है कि कम से कम हमारी एक बहन तो सुखी है । बड़ी बहन ये सुनकर मुस्करा दी और बोली बहन आप दोनों को ये गलत फहमी है की में सुखी हूं हमारे घर में पैसा है लेकिन तीनो ही बाप बेटो में पैसे को लेकर झग़डा है। बाप बेटो को जीते जी कुछ देना नही चाहता और बेटे चाहते हैं कि सब कुछ दोनों में बाट दिया जाये । इस वजह से पिछले कई महीनों से बाप बेटो में बोलचाल तक बंद है। और एक दुसरे के दुशमन बने हुए हैं । अब तुम ही बताओ जिस घर ऐसे हालात हो तो कोई सुखी कैसे रह सकता है ? दोनों बड़ी बहनें मिलकर छोटी बहन से मिलकर बोली की हम तीनो में तुम ही सुखी हो, घर में प्यार है, विश्वास है, सम्मान है, फ्रीडम है, तुम दुःखी कैसे हो सकती हो  ? पैसे में सुख नहीं है पैसा तो सिर्फ इतना होना चाहिए जितना की गाड़ी में पैट्रोल, अगर सारी गाड़ी में ही पैट्रोल भर दिया तो गाड़ी में आग लग जाएंगी ।        

दोस्तों इस कहानी से आपने क्या प्रेरणा ली ? जब आप किसी ऐसे इंसान से मिलो जिसके पास आपको लगे की सब कुछ है तब आपको पता चलेगा की इस व्यक्ति के जीवन में यहां तक पहुंचने में और अब भी जीवन में अपना कितना संघर्ष है । कोई भी इंसान आपको बाहर से सर्व संपन दिख सकता है लेकिन जरूरी नही है की वो अंदर से भी वास्तविक रूप मे सर्व संपन हो । इसलिए अपनी कमियों पर ध्यान देने की बजाय अपने जीवन के सकारात्मक पहलू को देखें । आपके पास इतने पल्स पॉइंट हो सकते हैं जितने आप को सर्व सम्पन दिखने वाले में  ना हो । जब तक हम दूसरों से अपनी तुलना करें जाएंगे तब तक हम अपनी क्वल्टीयों पर ध्यान नहीं दे पाएंगे । और जब तक हम अपनी क्वल्टीयों पर ध्यान नहीं देंगे तब तक हम किसी भी फिल्ड में कामयाब नहीं हो पाएंगे । और ना ही जो हमे  मिला है हम उसका सुख ले पाएंगे ।
   
दूसरों के सुख के साथ अपने सुख की तुलना करने से दुःख ही प्राप्त होगा । दूसरों की कड़ी मेहनत पर भी हमारी नजर होनी चाहिए । ज्यादातर लोग इस लिए दुखी नहीं होते की वे वास्तव में दुखी हैं वास्तव में उनके दुःख का कारण दूसरों के जीवन का सुख होता है । ये देखकर उनके मन में लालच उपजता है कि ये सुख मेरे जीवन में क्यों नही ? वो ये भूल जाते हैं की हर कामयाबी कुर्बानी मांगती है वो कुर्बानी इन्होने दी है इसलिए इन के जीवन में सुख है । आप दो आपके जीवन में भी सुख होगा । 

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