
" कराग्रे वसते लक्ष्मिः करमध्ये सरस्वति । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम "
अब वट्सऐप देखते हैं और प्रार्थना करते हैं -
" कराग्रे वसति फोनम : करमध्ये वटसेपम। करमूले च फेसबुकम : प्रभाते करदर्शनम "
पहले प्रार्थना करते थे - इतनी शक्ति हमे देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना, हम चलें नेक रस्ते पर हमसे भूलकर भी भूल हो ना । और अब प्रार्थना करते हैं -
३ जी शक्ति हमे देना दाता, फोन का सिगनल कमजोर हो ना, हम रहे रेंज मे हर कदम पर, भूलकर भी हम ऑफ़ लाइन हो ना "
पहले प्रार्थना करते थे - इतनी शक्ति हमे देना दाता मन का विश्वास कमजोर हो ना, हम चलें नेक रस्ते पर हमसे भूलकर भी भूल हो ना । और अब प्रार्थना करते हैं -
३ जी शक्ति हमे देना दाता, फोन का सिगनल कमजोर हो ना, हम रहे रेंज मे हर कदम पर, भूलकर भी हम ऑफ़ लाइन हो ना "
पांच छः साल पहले तक मेरे फोन मे नेट नही था , फिर भी मै सब के साथ गहराई से जुडी हुई थी । सब के पास जाकर मिलते थे खास ओकेशन मनाते, सुख दुःख बांटते और कही नही पहुंच पाते तो फोन करके शुभकामनाएं देते । लेकिन अब बहुत सारे लोगो के संपर्क मे होते हुए भी उनसे घनिष्टता बढ़ने की बजाए कम हो गई है । रिस्तो मे फॉर्मेल्टी ज्यादा निभाने लगे हैं, एक इमेज या एक वीडियो भेजकर फार्मेल्टी पूरी कर देते हैं। अगर साल छ: महीने मे कभी किसी से मिलते भी हैं तो दस पंद्रह मिनट में ही अपना फोन देखने लगते हैं और तब ध्यान हटता है जब सामने वाला कहता है की क्या देखने लगे। आश्चर्य की बात तो ये है कि अभिभावक व बच्चे साथ रहते हुए भी साथ नही रहते । बच्चे अपने फोन मे लगे रहते हैं और अभिभावक अपने फोनो मे व्यस्त मिलेंगे ।
जब मैने इसके के बारे मे सोचा तो मुझे अहसास हुआ की पहले मे दुनियां भर की जानकारी कम रखती थी लेकिन मेरे अंदर कूड़ा कर्कट नही था। अब जानकारियो के साथ साथ मैरे दिमाग मे कूड़ा कर्कट भी जमा होने लगा है। मै अपने दिमाग में ऐसी जानकारी और विचारों के कूड़े को भरने लगी हूं जिनकी मुझे वास्तव मे कोई जरूरत नही है ।
उस दिन मुझे अहसास हुआ कि मै कितना कीमती समय इस पर बर्बाद कर रही हुं - और मै ही क्या दुनिया भर मे स्मार्ट फोन को लेकर लोगो मे कितनी दीवानगी है इसका हाल ही मे उधारण तब देखने को मिला जब इसे लेकर कुछ उदहारण सामने आएं ।
" जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ़ वुथवर्क और ' नॉटिंगम ' यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टेडी मे बताया है कि पुरुष २० सेकंड और महिलाएं 57 सेकिंड से ज्यादा स्मार्ट फोन से दूर नही रह पाते "
"औसतन स्मार्ट फोन रखने वाले महिलाएं व पुरुष ४४ सैकिंड से ज्यादा देर तक फोन से दूर नही रह पाते "
अब में समझ चुकी हूं कि मै अपना क़ीमती समय इन चीजों में नष्ट कर रही हूँ । इसलिए मैने ये निर्णय लिया है कि अब मे पुरे दिन मे सिर्फ तीन बार ही वॉट्सऐप देखुगी और सिर्फ दस दस मिनट ही वॉट्सऐप पर दूगी । जो एक्स्ट्रा समूह है उनसे दूर रहुगी। महत्वपूर्ण संदेशों तक ही सिमित रहुगी और गूगल भी जरूरत के अनुसार ही यूज करुँगी ।
" जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ़ वुथवर्क और ' नॉटिंगम ' यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टेडी मे बताया है कि पुरुष २० सेकंड और महिलाएं 57 सेकिंड से ज्यादा स्मार्ट फोन से दूर नही रह पाते "
"औसतन स्मार्ट फोन रखने वाले महिलाएं व पुरुष ४४ सैकिंड से ज्यादा देर तक फोन से दूर नही रह पाते "
अब में समझ चुकी हूं कि मै अपना क़ीमती समय इन चीजों में नष्ट कर रही हूँ । इसलिए मैने ये निर्णय लिया है कि अब मे पुरे दिन मे सिर्फ तीन बार ही वॉट्सऐप देखुगी और सिर्फ दस दस मिनट ही वॉट्सऐप पर दूगी । जो एक्स्ट्रा समूह है उनसे दूर रहुगी। महत्वपूर्ण संदेशों तक ही सिमित रहुगी और गूगल भी जरूरत के अनुसार ही यूज करुँगी ।
आज हम लोगो को वट्सऐप व फेसबुक के माध्यम से आत्मीय लोगो का साथ व ज्ञान मिल रहा है । वॉट्सऐप ग्रुप से हम लोग ना केवल चुटकले वीडियों और आडियों शेयर करते हैं बल्कि आध्यात्मिक व गहन संदेश भी भेजते हैं , अपने अनुभव बांटते हैं । और जरूरत पड़ने पर मॉरल स्पोट भी करते हैं । और दूसरा इसका महत्वपूर्ण लाभ ये है कि यह समान रुझान वाले लोगो को जोड़ता है । वट्सऐप की वजह से एक दूसरे के बेहद करीब आ गये हैं। लेकिन इसकी लत आपको बुरी तरह से बंधक बना सकती है "गैजेट्स सोशल मिडिया" एक बहुत अच्छ वरदान है लेकिन तभी तक जब तक जब तक आप इसमे आसक्त ना हो। आपकी आसक्ति वरदान को शाप बना सकती है ।
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