
वो दिल्ली आ गया , दिल्ली उसे 700 रूपये मिलने लगे । लेकिन इसमे भी उसे अपना कोई फ्यूचर नही दिखाई दे रहा था । अब वो ऐसे ही उदास बैठा सोच रहा था कि आगे कैसे बढ़ा जाएं । उसके दो दोस्त और थे जो जिंदगी में आगे बढ़ने के सपने देखते थे । लेकिन कोई रास्ता उन्हें नजर नही आ रहा था ।
अब वो एक दिन दवाई टेस्टिंग के लिए देने गया । फिर वहां जॉब की बात कर ली जिसमे इसे १००० रूपये मिलने लगे । इसने अपने उन दोस्तों को भी वही जॉब दिलवा दी। जब पुरानी जॉब छोड़ता तभी दोस्त, परिवार वाले, व रिलेटिव इसका मजाक खीचते की ये कही कमाकर नही खायेगा रोज जॉब छोड़कर बैठ जाता है ।
लेकिन इसके मन मे तो कुछ और ही करने की थी तो ये किसी के रोके कहा रुक सकता था । इसने पांच साल उस लैब में काम किया, और किया ही नही करने से ज्यादा सीखा। अब दोनों दोस्तों के साथ प्लांनिग की कि अब आप ये बताओ की पूरी जिदगी जॉब करना चाहते हो ? या कुछ करके आगे बढ़ जाना चाहते हो ?
उनमें से एक दोस्त के पास पैसा अच्छा था । इन्होंने तय किया की 75 % पैसा इसका और 20 % दूसरे का और 5 % मेरा । मेहनत और एक्सपीरिस मेरा होगा कमाई मेरी २५ % होगी । इसके दोस्तों को इस पर विश्वास था । जब की इसके पास 5 % भी नही था वो भी और दोस्तों से उधार व ब्याज पर पैसा लेकर एक लैब खोल ली
अब उसने 5 साल जमकर मेहनत की । इससे अब उसके नए नए कॉन्टेक्ट बन गए और अब उस कंपनी की वैल्यू ५ करोड़ से भी ज्यादा की हो चुकी थी ।
अब फिर इसके दिमाग घुमा की में ये काम लोन लेकर अलग कर सकता हूं । इन्हें मुझे इन्हें हिस्सा देने की क्या जरूरत है । अब उसने उन लोगों से हिसाब करके अलग हो गया और लोन लेकर व बाहर से कर्जा उठाकर अलग कंपनी डाल ली । आज उसे पांच ही साल हुए हैं और अब इस समय उसकी खुद की कंपनी की वेल्यु ५ करोड़ से ज्यादा हैं ।
दोस्तों ! हमारी लाइफ आइस्क्रीम की तरह हैं इसे टेस्ट करो तो पिघलेगी और ना करो तो भी पिघलेगी । इसलिए टेस्ट ही कर लो वेस्ट तो हो ही रही है । जिदगी को टेस्ट करने से क्या पता टेस्ट आ जाएं ।
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