Saturday, October 22, 2016

अन्धविश्वासी होने के कारण !!!


Image result for andhvishwasदोस्तों ! में कापसहेड़ा ( दिल्ली एनसीआर ) में रहती हूं। मुझे ये जानकर हैरत होती की इकीसवीं सदी में भी लोग अन्धविश्वासी हैं। लेकिन क्यों हैं ? ये जानने की कोशिस की।

 इंसान की फिक्रत है कि वो बिना रीजन जाने ही जजमेंटल हो जाता है । जैसे की हम किसी को भी कह  देते हैं कि - ये अन्धविश्वासी है । लेकिन क्यों है ? इस बात की तह तक नही जाते । मैने कई लोगो को अन्धविश्वासी पाकर उनके हालात जानने  की , वे अन्धविश्वासी क्यों हैं ये जानने की कोशिस की ।  

1 जीवन में टेशन :- एक पढ़ी लिखी फैमली है मैने उन्हें पाया की उनके रिलेटिव पैसे वाले हैं और वो उनसे कम्पेयर करते हैं जब कम्पेयर नही कर पाते  तो अपने आपको को कम आंकते हैं । उन्हें लगता है की हमारे ऊपर कुछ करा धरा है  या हमारे ग्रह अपोजिट हैं  इसलिए हम जीवन में आगे नही बढ़ पा रहे । और वो इसी के चलते सुरेश भाई ज्योतिषचार्य के पास गए और उन्हें 21 हजार फ़ीस देकर आए। और में उन्हें जानती हूँ की वो किसी जरूरत मन्द को 21 सौ देने वाले नही हैं इतने कंजूस हैं ।  

2 गलत धारणाएं :- मैने कई ऐसे लोगो को देखा है की कहते हैं उसके सिर देवी आती ,हनुमान जी आते हैं या पितृ आते हैं । बकवास मेंटली प्रॉब्लम को आस्था का नाम दे रहे  हैं । लोगो को बेकूफ़ बनाने वाली बातें हैं । कहते हैं हम दुसरो का भला करते है ऐसे लोग मैने सिर्फ सेलफिश पाए हैं । इंसानियत के नाम पर कलंक पाए हैं । लोगो को बेकूफ़ बना कर अपना उलहु सीधा करते हैं । जिन लोगो बी ए में हिस्ट्री पढ़ी है वो ये जानते है कि ये एक बीमारी है । 
    
3 लड़ाई झगड़े  :-  में एक ऐसी फैमली से मिली जहां सास बहु में नही पटती । सास  के अगर छीक भी आये, तो सोचती है की बहु ने कुछ करवा दिया है । और बहु के बढ़ती उम्र के चलते कमर में दर्द है तो कहती है मेरी सास ने बहुत भारी करवा रखा है । और इसके चलते दोनों सास बहु टोने टोटके के चक्कर में अपना पैसा बर्बाद करने लगी हुई हैं । और अजीब बात ये है की उनके घरो में जेंट्स भी इन बातो को मानते हैं । अरे यार जब आप अपने परिवार वालो के साथ मिलकर नही रहोगे बच्चे माँ बाप को और माँ बाप बच्चो को अहमियत नही देगे तो उस घर में तो लड़ाई झगड़े होंगे ही । 

४ लालच:- दोस्तों हर इंसान अपनी मेहनत ,योजना व  अपनी कैपिसिटी  के अनुसार  ही कामयाब होता है और उतना ही कमाता है । लेकिन कई इसके चलते पूछ ताछ करते फिरते हैं वो सोचते हैं की कोई ऐसा साधन बता दे की हम रातो रात माला माल हो जाएं । और वो पैसे तो नही कमा पाते। लेकिन जिनके पास ये जाते हैं , इनका फायदा  वे जरूर  उठाते हैं उनकी  जरूर चाँदी कट जाती है । 

5 ईर्ष्या :- कई लोगो का ईगो जब दुसरो की श्रेष्ठता बर्दाश्त नही कर पाता तो वो उसे गिराने या हराने या फैलियर बनाने के चक्कर में अन्धविश्वास का सहारा लेते हैं । जब कि आगे बढ़ने के लिए किसी को पीछे धकेलने की जरूरत नही है । किसी बड़ी लाइन को छोटी करने के लिए उसे काटने की जरूरत नही है उसके आगे और भी बड़ी लाइन खीच कर उसे छोटा करा जा सकता है ।  

6 अनपढ़ता :-  जो लोग पढे  लिखे नही है वो भी इन ढकोसलो में फंसे रहते हैं । एक के एक पोती हुई तो दूसरी पोती ना हो जाये इसलिए एक बाबा से लड्डू पढ़वाकर बहु को लाकर दिया। की इससे मेरे पोता हो जायेगा । वहा दोस्तों लगता है की साइस से ज्यादा तरक्की तो ये बाबा कर रहे हैं ? 


7  गरीबी:- गरीब लोग कुछ ज्यादा ही अन्धविश्वास के चंगुल में फसते हैं। इनकी लाइफ में प्रॉब्लम तो होती है अनपढ़ता, बेरोजगारी , अधिक जन्संख्या, बीमारी की वजह से और ये सोचते हैं की ये करा धरा है या ये बाबा या तांत्रिक मेरी परेशानियों को काट देगे ।

दोस्तों अंधविश्वासियों का तो कुछ भला नही होता। इनका तो सिर्फ ये बह्म है लेकिन हाँ जो ये तांत्रिक या बाबा बने बैठे है इनकी दुकान जरूर अच्छी चल रही है और ये जब तक चलती रहेगी जब तक अंधविश्वासियों की खुद की सोच नही बदलेगी । 




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