
इससे छोटे बेटे पर कोई असर नही पड़ता था । उसके नम्बर कम है पिताजी को दुःख होता है ! या उसके पिताजी क्या चाहते हैं ? वो इस बारे कुछ भी नही सोचता था । और जब भी उसके पिताजी कुछ कहते तो वह अनसुना करके घर से बाहर घूमने निकल जाता ।
बीच वाला बेटा सुनता! थोड़ी देर दुखी होता! और फिर कुछ देर पढता ! लेकिन मन लगा कर नही पढता। सोचता कि मेरी किस्मत में पढ़ लिख कर आगे बढ़ना ही नही लिखा है। में कितनी भी मेहनत करू मेरे नम्बर कभी अच्छे नही आ सकते । ये सोच कर मेहनत करनी ही छोड़ दी ।
बड़ा बेटा औसत बुद्धि का था। फिर भी हर बात ध्यान से सुनता और यही सोचता की में एक दिन कामयाब होऊँगा। अपने पिताजी का सहारा बनुगां । फिर हमारे घर में कोई परेशानी ही नही रहेगी । में कामयाब होकर गरीबी से अपने पिताजी का पीछा छुड़ा दुगा ।
बीच वाला बेटा 10 वी क्लास से ही, पढ़ाई छोड़कर, किसी फेक्ट्री में काम करने लगा । और जो उसके खर्चे से बचते वो अपने घर में देने लगा ।
छोटा बेटा ग्रेजुएशन करके जॉब ढूढने लगा। लेकिन उसे बहुत ही थोड़ी सैलरी की जॉब मिली । इससे उसने सोचा की इतने पैसो से कुछ नही होना। इससे तो में खेती ही कर लेता हूं मेरा गुजारा तो खेती से ही हो जायेगा । ये सोच कर खेती करने लगा ।
बड़े बेटे को अपने भाईयो के डिशिजन को देखकर बड़ा दुःख होता। लेकिन अपने भाइयो को समझा नही पाया । उसके मन में एक बात थी की मुझे आगे बढ़ना है । ये सोच कर उसने खूब मेहनत की और आखिर उसकी मेहनत रंग लाई और वह इंजीनियर बन गया ।
बड़े बेटे ने अपने सारे फर्ज बेखुबी निभाए। और हर परस्थिति से लड़ कर कामयाबी पाई । एक ऐसा बेटा ,भाई , पति व बाप बना जैसा की समाज चाहता है ।
दोस्तों दुनिया में तीन तरह के लोग होते हैं .......
१ कुछ ऐसे लोग होते हैं जिन पर सफलता या असफलता का कोई असर ही नही पड़ता बस अपनी जिदगी में मस्त रहते हैं । कुछ उनके पास है या नही है उनपर कोई फर्क नही पड़ता । जो है उसी में खुश रहते हैं ।
2 कुछ इस तरह के इंसान होते है , जिनके सपने तो बड़े बड़े होते हैं लेकिन असफलता को अपनी किस्मत मानकर हार जाते है । और बहते पानी में एक लकड़ी के टुकड़े की तरह अपने आपको छोड़ देते हैं की जिदगी जहा ले जाएगी वही ठीक है ।
3 कुछ ऐसे होते जो जिदगी को अपने मुताबिक मोड़ कर ही दम लेते हैं । वो ना समाज के चलाये चलते हैं और ना ही जिदगी के चलाए चलते हैं। वो अपना भविष्य खुद चुनते हैं और तब तक हार नही मानते जब तक उन्हें मंजिल नही मिल जाती। इन्ही लोगो को सक्सेस या कामयाब या जनूनी कहते हैं ।
दोस्तों ये हकीकत पर आधारित कहानी है अब आप सोचो की आप इन तीनो में से किस के जैसे हो ? और किस के जैसे होना चाहते हो ? ये बात मन में अच्छी तरह बिठा लो की भविष्य इंसान खुद चुनता है । और उसे बनाने और बिगाड़ने में मदद करता हैं आपका नजरिया ।
आपका नजरिया आपको कौन सी राह दिखा रहा है ? नेगेटिव या पोजेटिव अगर आपकी बुद्धि पोजेटिव की और जा है तो आप तब तक लगे रहोगे जब तक सफल ना हो जाओ । और अगर आपकी बुद्धि नेगेटिव की और जा रही है तो आप योग्य होते हुए कुछ भी नही कर सकते ।
आपका नजरिया ही आपके लिए वरदान या अभिशाप है । अगर आपका नजरिया वरदान है तो आपके लिए बंद दरवाजे भी खुल जाएंगे । आपकी योग्यता का सम्बंध आपके नजरिया से है। ना की किसी तरह की समस्या या सहूलियत से ।
जब तक आपके मन में नेगेटिव थोट चलते रहगे, तब तक आप कुछ भी करने की हिम्मत नही जुटा सकते । इसलिए सब से पहले अपने विचारो पर ध्यान दो अगर आपके अंदर नेगेटिव थोट चल रहे है तो आप तुरंत बदल दो । जेम्स एलेन ने अपनी पुस्तक में लिखा है -
" अच्छे विचारो के सकरात्मक और स्वस्थप्रद और बुरे विचारो का बुरा फल आपको भुगतने पड़ेगे "
किस्मत का रोना असफल लोग रोते हैं जब कि असफल होते हैं मेहनत , तैयारी ,योजना ,द्र्ढ इच्छा व द्रढ संकल्प की कमी की वजह से ।
आपका नजरिया ही आपके लिए वरदान या अभिशाप है । अगर आपका नजरिया वरदान है तो आपके लिए बंद दरवाजे भी खुल जाएंगे । आपकी योग्यता का सम्बंध आपके नजरिया से है। ना की किसी तरह की समस्या या सहूलियत से ।
जब तक आपके मन में नेगेटिव थोट चलते रहगे, तब तक आप कुछ भी करने की हिम्मत नही जुटा सकते । इसलिए सब से पहले अपने विचारो पर ध्यान दो अगर आपके अंदर नेगेटिव थोट चल रहे है तो आप तुरंत बदल दो । जेम्स एलेन ने अपनी पुस्तक में लिखा है -
" अच्छे विचारो के सकरात्मक और स्वस्थप्रद और बुरे विचारो का बुरा फल आपको भुगतने पड़ेगे "
किस्मत का रोना असफल लोग रोते हैं जब कि असफल होते हैं मेहनत , तैयारी ,योजना ,द्र्ढ इच्छा व द्रढ संकल्प की कमी की वजह से ।
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