Sunday, October 23, 2016

मन सक्सेस की राह का रोड़ा भी है और सक्सेस की सीढ़ी भी !!!

     
हाय दोस्तों ! में ललतेश यादव | दोस्तों किसी ने सही कहा है कि -
हम अपने मन पर जीत हासिल करके दुनिया पर जीत हासिल कर कर सकते हैं | 

जो भी कार्य जीवन में करते हो उसे करने से पहले ये सोच लो कि जो आप करने जा रहे हो ये कार्य आपके मन दुवारा चुना गया है या दिमाग से | अगर मन से किया गया है तो  -

" मन के मते ना चलिये मन पक्का यमदूत ले दुबे मझदार में, प्राण जाएंगे छूट  "

और अगर आपने इस मन को बुद्धि से चलाया तो यही मन आपकी मंजिल की सीढ़ी बन जायेगा  । 



दुनिया में कोई ऐसी चीज नही  है जिसे आप कंट्रोल ना कर  सको । लेकिन मन को कंट्रोल करना बड़ा ही मुश्किल काम है । परन्तु  जो मन को जीत लेते हैं वे दुनिया को जितने की हिम्मत रखते हैं । लेकिन  प्रॉब्लम ये है हमे पता ही नही चलता की हम कब मन की मान बैठते हैं । और जब  तक पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है । जैसे -


हम चाहते हैं की शुबह 6 बजे उठें और यही सोच कर रात को सोते है, की कल से 6 बजे उठुगा / उठुगी लेकिन शुबह होते ही सोचते हैं 10 मिनट और सो लु  में फिर उठुगा /  उठुगी । 10 मिनट के बाद  फिर १० मिनट बाद और 10 मिनट। ऐसा करते करते 7 बज जाते हैं और हमारे योगा या अक्सर साइज का समय निकल जाता है 


ऐसे ही ये काम मुझे अब करना है या आज करना  है।  लेकिन  फिर थोड़ी देर में कर लेंगे,  कल कर  लेंगे। ऐसे करते करते पहले दिन, फिर हफ्ते, और फिर महीने, और फिर साल  कब चली जाती है पता ही नही चलता । और ये छोटी छोटी लापरवाही  हमारी फैलियर की वजह बनती हैं ।  


मैने लाइफ के चार फैसले लेते वक्त मन की सुनी और में चारो जगह  फैलियर बन गई । सबसे पहले शादी के बाद आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन अगली साल, फिर अगली  साल ऐसे ही करती रही और मेरी आगे पढ़ने की इच्छा धरी रह गई । दूसरी मेंरी  इंग्लिस वीक थी , और में इंग्लिस की कोचिग लेना चाहती थी । लेकिन नही ले पाई। तीसरी में दोस्तों के साथ बहुत ज्यादा समय बर्बाद करती हूँ  इस आदत को बदलूँगी लेकिन आज तक समय बर्बाद करती हूँ | योगा करना चाहती हूँ, और शुरू भी कर देती हूं लेकिन कन्टीन्यू आज तक नही कर सकी। जिसकी वजह से में फिजिकली फिट नही हूं । 

ये मेरी लाइफ के वीक पॉइंट  हैं । और इन्होंने ही आज मुझे ये आर्टिकल लिखने की प्रेरणा दी । और इन वीक पॉइंट का कारण है, मन के पीछे चलना ।  

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