
जब तक आप कड़ी मेहनत नही करते, तब तक आप किसी भी काम को पूरा नही कर सकते । कड़ी मेहनत से ही आप असंम्भव कार्य को सम्भव बना सकते हो । कड़ी मेहनत से आप किसी भी फिल्ड में कामयाब हो सकते हो । कहते भी हैं -
" जहां प्रयत्नों की ऊचाई अधिक होती है , वहां नसीबो को भी झुकना पड़ता है "
उन्नति, सफलता , विकास के लिए अनुशासित जीवन जीना अनिवार्य है । अनुशासन हीन लोगो के हाथ सिर्फ असफलता ही हाथ लगती है । इसलिए हर इंसान का अनुशासित होना अनिवार्य है । अनुशासित व्यक्ति हमेशा प्रसनचित आनंदमय जीवन जीता है ।
अनुशासन दो प्रकार के बताए गए हैं । एक आंतरिक अनुशासन व दूसरा बाहरी। आंतरिक अनुशासन मनुष्य स्वयं समझता है और बाहरी अनुशासन समाज व परिवार लगाता है । अनुशासन में रहकर कड़ी मेहनत करने वाले ही समाज में कुछ कर के दिखा सकते हैं ।
नियमत्ता न होने से मनुष्य का समय व मेहनत दोनों बर्बाद हो जाते हैं । आपने कछवे व खरगोश की कहानी बचपन में पढ़ी ,सुनी होगी । धीमी चाल चलने वाला कछुवा भी सतत प्रयास से मंजिल हासिल कर लेता हैं।
इसलिए जो भी नियम बनाओ उन्हें फॉलो करो । चाहे उन कार्यो के लिए थोड़ा ही समय दो लेकिन नियमित से दो । क्योंकि तेज चलने वाला खरगोश भी नियमतता ना होने की वजह से क्षमता सम्पन होते हुए भी पराजित हो जाता है ।
कामयाब होने के लिए ये मायने नही रखता की आपकी योग्यता क्या है ? ये मायने रखता है , जो योग्यता है उसे योजना रूप से नियमित किया जाये । बी के शिवानी ने भी कहा है कि -
" प्रयास छोटे ही सही पर नियमतता से होने चाहिए "
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