Monday, October 17, 2016

लीडर शिप का गुण !

Image result for leadershipदोस्तों ! हर इंसान  के अंदर कोई ना कोई गुण ऐसा छिपा  होता है। जो उसे सबसे अलग दिखाता है ।ऐसे ही एक गुण है लीडर शिप का गुण । जिसमे भी लीडरशिप का गुण होता है, बचपन से  होता । पर लीडर बनने के लिए लीडर शिप गुण को विकसित करना पड़ता है। अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करके उसे प्राप्त करने के लिए तमाम चुनोतियों का सामना करना पड़ता है। लीडर को अलग अलग अवस्थाओं से गुजरना पड़ता हैं। जो स्वयं को साबित कर पाता है वही लीडर बन जाता है । 

 अच्छा लीडर अपने गुणों से  पहंचाना जाता  है -

1 लीडर अपनी बात पर हर स्थिति में अडिग रहते हैं । मुश्किल निर्णय लेने की सक्षम होता है । दुसरो की  बाते समझने और अपनी बात समझाने की कला जानता है ।  

२  लीडर सामने वाले इंसान से वो कार्य करवाने की नीति जानता हैं, जो वो करवाना चाहता हैं । उसमे ये योग्यता होती है की किस से किस तरह काम करवाया जाये ।   


3  लीडर के कार्य दुसरो को सपने देखने ,सिखाने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं । ये टीम का ध्यान समस्या के सलूशन पर लगाता  हैं । और उनकी पूरी क्षमता का दोहन टीम को जीताने में लगता  है । 


4 लीडर अपने साथियों को वहा ले जाने में सक्षम होता  है, जहा वो नही जा सकते ।  लीडर बेहतर लोगो को आगे बढ़ने का मौका देता है और कमजोर लोगो को अपनी कमियां सुधारने का मौका देता  हैं । 

५ लीडर का स्वभाव नम्र होता हैं । नम्रता ही इन्हें अच्छे लीडर के रूप में साबित करता है । ये गलत से गलत बातों का सोच समझकर निडरता से सही जवाब देता है । 

6  सच्चे लीडर के हर कार्य में ईमानदारी रहती है । साहस और ईमानदारी से ही ये लोग का सबका विश्वास जीतता है । जिससे इसके साथी इसके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहते हैं । 


७ लीडर दूरदर्शी होता हैं ।  किल्यर  सपने देखता होते हैं और उन सपनो को हासिल करने के लिए स्टेप वाइज कदम उठाता  हैं ।  


 लीडर शिप का गुण कैसे विकसित करें ? 

अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करें :- हर इंसान में अलग -२ गुण होते है कोई किसी कार्य में माहिर होता है तो कोई किसी में । कार्य करते करते ही खुद को जान पाते हैं  की हमारे अंदर क्या गुण है । 



समस्याओं से ना घबराएं :-  कहते हैं ना ? कोशिस करने  वालो की हार नही होती । आज के युवाओ के सामने  पहले से कही अधिक विकल्प हैं । लेकिन कई विकल्पों के चलते कई बार कन्फ्यूजन की स्थिति बन जाती है  जिससे की ऐसी स्थिति में धैर्य जवाब दे जाता है ।

सब की सलाह से फैसला लें :- एक लीडर अपनी ही मन मानी  नही कर सकता ।  सब को साथ लेकर ही आप आगे बढ़ सकते हो ,आप घर में हो ,समाज हो, या कोई लीडर  हो । 


" आप कितने भी उच्च पद  पर क्यों ना विराजमान हो ,अकेले फैसला नही ले सकते " 







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