Tuesday, October 25, 2016

दहेज उत्पीड़न के केश कितने सच कितने झूठ !!!



Image result for dahej utpidan ke kesदोस्तों ! आज तक जितने भी  दहेज उत्पीड़न के केस हुए हैं, क्या वो सारे सच हैं ? ये सारे सच नही हो सकते। दस साल बाद पति पत्नी में नही पटी केस कर दिया दहेज का । जोइंट फैमली है लड़की पसन्द  नही करती । जब उसकी नही चल पाती तो अलग होने के लिए  केस कर दिया दहेज का या सुसाइड करने की कोशिस। आज लड़की या उसके घर वाले जितने परेशान दहेज उत्पीड़न से हैं उससे अधिक लड़के व उसके घर वाले इस कानून से हैं । 

कई महिलाएं वास्तव में पीड़ित हैं। लेकिन 90 % दहेज उत्पीड़न के कैस झूठे पाए जाते हैं । जिन्हें बाद में खुद महिलाएं ही वापिस लेती हैं । आंकड़े के हिसाब से  आज तक हमारे देश में 45  लाख परिवार बर्बाद हुए हैं । और ऐसे तो इससे भी ज्यादा लोग हैं जो सिर्फ घर बर्बाद या जग हसाई ना हो इसके लिए लड़के या लड़के वाले झेल रहे हैं ।  


19 61 में दहेज निरोधक कानून बनाया गया था।  दहेज निरोधक कानून की धारा -8 के अनुसार  दहेज लेना व देना दोनों ही कानून अपराध हैं ।धारा 498a कानून इसलिए  बनाया  गया था कि महिलाओं को उत्पीड़न से बचाया जा सकें।  जिससे दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों  को खत्म किया जा सके । 



लेकिन दहेज कानून के दुरूपयोग अधिक हो रहे हैं। दहेज कानून का दुरूपयोग इस कद्र हो रहा है कि अगर बहु पुलिस के सामने 498a दहेज एक्ट या घरेलू हिंसा के तहत एक लिखित झूठी शिकायत कर दी तो आप आपके परिवार  व रिश्तेदार तक फ़ौरन गिरफ्तार कर  लिए जाते हैं । और गैरजमानती टमर्स में जैल में डाल दिए जाते हैं, चाहे वो केस झूठा ही क्यों न हो । कई  तो बुजर्ग माँ बाप के साथ साथ विदेशो में रह रहे भाई बहन तक गिरफ्त में आ जाते हैं ।  

आप बेकसूर होते हुए भी खुद को बेकसूर साबित नही कर पाते । कानून जानने वाले व  सरीफ लोगो के लिए ये कानून इस कदर खतरनाक हो चूका है कि- कई गलत लड़की व उसके घरवाले मिलकर ससुराल वालो को टॉर्चर करते  हैं।  और घर वाले या लड़का जानते हुए भी कुछ नही कर पाता । 

सामाजिक तौर पर महिलाओ को  त्याग सहनशीलता व शर्मीलेपन का प्रतिरूप मना जाता था ।  लेकिन आज की कुछ चालाक महिलाओं ने अपने सुसरालवालों व पति पर झूठे मुकदमे करके उनसे पैसे एठने का धंदा बना लिया है । लड़की व उसके परिवार वाले मिलकर ऐसे कार्य  कर  रहे हैं । 

आपने देखा होगा की कई लोग लड़की के रंग रूप से या झूठी सराफत से  प्रभावित होकर बेमैल लड़की से बिना दहेज शादी करते हैं।  और फिर वो लड़की व उसके परिवार वाले दहेज का झूठा इल्जाम लगा कर लाखों खीच लेते हैं । और फिर उस लड़की की शादी दूसरी जगह कर देते हैं । फिर वहां से भी पैसे एठने का सिलसिला शुरू कर  देते हैं । ऐसी महिलाओं को सहानुभूति अधिक मिलती है। जिसका वो फायदा उठती हैं । 




 दोस्तों धन देखने की बजाय रूप देखने की बजाय संस्कार देखो । आज एक योग्य बेटी को योग्य लड़का नही मिल पाता क्यों कि हम देखते हैं धन, रूप। और इसी लिए पीछे पछताते हैं। ऐसे ही बेटियों को अच्छी एजुकेशन के साथ साथ माँ अच्छे व मिलनसार के संस्कार डालें।परिवार की अहमियत सिखाएं तभी बेटी अच्छी बहु बन पायेगी ।  


1 comment:

  1. Wow...what a fantastic article...i m agree with u 👍👍👍

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