
अगर हमारे विचार ही अच्छे या पोजेटिव नही हैं तो हमारे कर्म भी अच्छे नही बनेगे । क्यों कि विचारो से कर्म बनते हैं और कर्म से जीवन बनता है ।
"जैसे विचार वैसे कर्म जैसे कर्म वैसा जीवन "
अब आप सोचो कि आपको कैसा जीवन चाहिए ? फिर जैसा जीवन चाहिए वैसा ही सोचो । अच्छे कर्म व अच्छे जीवन के लिए, हमारे विचार भी अच्छे होने चाहिए। तभी हमारा जीवन अच्छा बन सकता है।
जैसे हम अपने बगीचे में अपनी पसंद के फूल पौधे उगाते हैं। और बेकार की घास पतवार को उखाड़ फेकते हैं । वैसे ही हमे अपने मन में अपने पसन्द के विचार लाने चाहिए। और नैगेटिव विचारो को तुरन्त बदल देना चाहिए। तभी हमारा जीवन हमारी पसंद का बन सकता है । इसलिए हमेशा सकरात्मक विचार मन में लाएं
लोग कहते हैं की सोचने से कुछ नही होता पुरुषार्थ करना पड़ता है , लेकिन पुरुषार्थ भी इंसान ऐसा ही करता है जैसा वो सोचता है ।पुरुषार्थ करने के लिए भी हमारे विचार प्रेरित करते हैं । अच्छे विचार अच्छे कर्म बुरे विचार बुरे कर्म। हमारे विचार ही तो हमारे जीवन की दशा व दिशा निर्धारित करते हैं ?
आपने देखा होगा की एक इंसान लाइफ की हर फिल्ड में सक्सेस मिलता है। और दूसरा लाइफ की हर फिल्ड में फैलियर रहता है । इसका कोई भी और रीजन नही है सिर्फ विचारो का फर्क है ।
सक्सेस इंसान को देखा होगा वो हर बात में पॉजेटिव पहलू को देखता है और फैलियर हर बात में नेगेटिव पहलू को देखता है । दोनों का देखने का नजरिया ही फैलियर व सक्सेस बनाता है ।
एक छोटी सी समस्या में उलझ कर रह जाता है। और दूसरा शांति से सोच कर उस समस्या का समाधान ढूढ लेता है ।
" दुनिया में कोई भी समस्या ऐसी नही है जिसका कोई समाधान ना हो"
सिर्फ समस्या के समाधान ढूढ़ने पर फॉक्स करो, चिंतन करो, पोजेटिव एटीट्यूट रखो, और ठंडे दिमाग से जब तक सोचते रहो, तब तक आपकी समस्या का समाधान नही निकल आता । फिर आप देखना की आपकी हर समस्या का समाधान निकल आएगा ।
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