Friday, September 23, 2016

प्रयास जारी रखें !!!

            

दोस्तों !  ये जरूरी तो नही की आपको पहली बार प्रयास करने पर ही सक्सेस  मिल जाएं ?। कई लोगो को पहली बार प्रयास करने से ही सक्सेस मिल जाती है और कई लोगो को कई बार कोशिस करने पर मिलती है । इसलिए निरंतर ईमानदारी से प्रयास करते रहो । 

" बारिस की छोटी छोटी बूंदे, भले ही छोटी हो ,लेकिन उनका लगातार बरसना बड़ी बड़ी नदियों का बहाव बन जाता है । ऐसे ही हमारे छोटे छोटे प्रयास निश्चित ही हमारी जिदगी में बड़े परिवर्तन लाने  में सक्षम होते हैं । प्रयास छोटा  ही सही लगा तार होना चहिये" 
                                                      -  b k shivani 

जो आज तक कामयाब हुए हैं, उनमे से बहुत से लोग ऐसे है जिन्होंने कई बार असफलता का सामना किया। कई बार लोगो ने नकारा लेकिन हार नही मानी उन्होंने चलना नही छोड़ा और आखिर एक दिन वो कामयाब हुए । 


आपने कई छोटे बच्चो को  पहली बार चलते देखा होंगा कि वो चलती बार कई बार गिरते हैं और फिर उठकर चलने की कोशिस करते हैं । वो  एक बार नही गिरते अनेक बार गिरते हैं और हर बार उठकर चलने का प्रयास  करते हैं । और जब तक प्रयास जारी रखते है तब तक वो चलना नही सीख लेते ।  


ऐसे ही सक्सेस चाहने वालो को जब तक अपना प्रयास जारी रखना चाहिए जब तक उन्हें अपनी मंजिल ना मिल जाएं। रास्ते में कई तरह की रुकावटे आती है कई तरह की समस्या खड़ी होती हैं लेकिन मंजिल तक वो पहुचता है। जो इनके रोके नही रुकता । 


किसी ने सही कहा है की आप पहला कदम उठाओ और उसमे  जो आप कर सकते हो उसे करते जाओ। आगे की राह खुद प्रसस्त होती जाएगी । विचारक रॉबर्ट जे क्लियर कहते हैं कि - 

"  सफलता छोटे छोटे  कई प्रयासो का नतीजा होती है ,जिन्हें लगातार कई दिनों तक दोहराया जाता है "  

लेकिन कई लोग एक बार दिक्कत आने पर या असफल होने पर प्रयास करना छोड़ देते हैं । और हालात से समझौता कर लेते हैं । और फिर पूरी जिदगी गरीबी परेशानी व टेशन भरी जीते हैं । 

दोस्तों आप मुझे एक बात बताओ कि आप एक बार हार मानकर पूरी जिदगी घुटन भरी जीना चाहते हो ?  या खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हो ? आप खुशहाल जिदगी जीना चाहते हो तो  तब तक हार नही मानना जब तक  जीत ना जाओ ?  


हार मानने वाले ही  पूरा जीवन असफल रहते हैं । और जो हार नही मानते वो लगातार प्रयास करते रहते हैं और आखिर उन्हें एक दिन सक्सेस मिल ही जाती हैं । ब्रह्माकुमारी की मैगजीन के स्लोगन में पढ़ा था -

" कमजोर तब रुकते जब थक जाते हैं, और विजेता तब थमते हैं जब वो जीत जाते हैं "   





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