दोस्तों! असफलता हमारी लाइफ में स्पीड ब्रेकर की तरह है। जो हमारे जीवन गाड़ी की राह मे आते हैं और हमारी रफ्तार धीमी कर देते है। जिस तरह गाड़ी हमेशा एक गति में नही चल पाती उसी तरह हमारा जीवन भी एक गति में नही चल सकता । उतार चढ़ाव जीवन में आता ही रहता है ।कुछ लोग असफलता से हिम्मत हार कर बैठ जाते हैं । और कुछ लोग असफलता से सीख लेकर आगे बढ जाते हैं नया इतिहास रचते हैं । थामस अलावा कहते हैं कि----
̕ ̕ मैने अपनी हर असफलता को स्पीड ब्रेकर की तरह लिया है । में कुछ देर रुका आत्म निरक्षण किया और फिर आगे की तरफ बढ़ गया ̕ ̕आप असफलता रूपी स्पीड ब्रेकर को पार करके ही सफलता तक पहुच सकते हो । अल्फेड आर्मंड का कहना है कि ---
̕ ̕ बहुसंख्य लोग बाधाओ को देखते हैं ,सिर्फ चन्द लोग ही लक्ष्यो पर नजर टिकाएं रहते हैं । इतिहास बाद वालो की सफलताएं दर्ज करता है । और पहले वालो को भुला देता है ̕ ̕
अवरोधको को पार करना चाहते हो तो अपना द्रष्टिकोण बदलो------ क्या आप ये मानने के लिए तैयार हो कि कुंठा भय दुःख निराशा जैसी चीजो को बदला जा सकता है बिलकुल नही ना । लेकिन ये सम्भव है। इसके लिए आपको अपनी सोच को बदलना होगा। आपकी सोच ही अवरोधको को पार करने का रास्ता प्रशस्त करेगी। हम अपनी नकारत्मक भावनाओं को दूर कर सकते हैं क्यों कि ये भावनाएं हमारे जीवन में ठहराव ला देती हैं। जब की जीवन सतत चलने का नाम है । हम अपने जीवन में सकरात्मक चलते रहें इसके लिए जरूरी है कि जो गलत धारणाएं हमारे मन में बैठी हुई हैं उन पर विश्वास करना छोड़ दे ।
महान लोगो से मिले या उनकी जीवनी पढ़ें ---- जब उनके बारे में पढोगे व जानोगे कि उनके जीवन में भी बड़े बड़े अवरोधक आये हैं उन्होंने भी इनका सामना डट कर किया है । हर समस्या का समाधान ढूढा है जब जाकर ये महान बने है या सक्सेस कहलाए हैं। प्रसिद्ध लेखक व समाज सेवी हैलन केयर का कहना है कि ---
̕ ̕ असफलता अवरोधक नही है बल्कि आपकी सफलता की माप दंड है। जब आप अवरोधको का निडरता से सामना कर सफल हो जाओगे तो आपको इन्ही अवरोधको और असफलता से जूझने में मजा आने लगेगा ̕ ̕
अवरोधकों से विचलित ना हों ---- मस्तिक को शांत और चित को प्रसन्न रखने के लिए जरूरी है कि इंसान क्षणिक विफलताओं से परे हट कर निरन्तर अपने कर्म में लगा रहे । लक्ष्य की प्राप्ति में कई बार ना सिर्फ व्यक्ति बल्कि नैसर्गिक परिस्थितियां भी अवरोधक बन जानती हैं । मनोविज्ञान राबर्ट हाल्डेन अपनी किताब हैप्पी नाउ किताब में लिखते हैं कि --
̕ ̕ खुद को अपने सहकर्मी या भाई बहनों के बीच प्रतिस्पर्धा में रखना इंसानी फिक्रत है दरअसल ऐसा व्यक्ति खुद को कमतर महसूस करता है पर सामने वाले व्यक्ति को धैर्य नही खोना चाहिए । उसे अपने कार्य में लगा रहना चाहिए ̕ ̕
द्रढ संकल्प से अवरोधकों को पर करें ---- इतिहास साक्षी है कि इंसान ने अपने द्रढ़ संकल्प व कड़ी मेहनत से ही अवरोधकों को पार किया है । द्रढ संकल्प ही इंसान के जीवन में व्यवस्थित व जीवन शैली को सुनिश्चित करती है। संकल्प की गति बहुत तीव्र है। प्रयास करने के बाबजूद बार बार हारना कोई दुख की बात नही है लेकिन संकल्प से हार जाना दुःख व चिंता का विषय है। किसी महान व्यक्ति ने कहा था कि ---
̕ ̕ हमारी महानता कभी ना गिरने में नही है अपितु हर बार गिर कर उठने में हैं ̕ ̕
जिस फिल्ड में हो उसकी नॉलिज बढ़ाओ इग्लिश में एक कहावत है नॉलेज इज पॉवर अर्थार्थ ज्ञान ही शक्ति है ।ज्ञान सीखो । पद्मपुराण में लिखा है कि-----
̕ ̕ विधा से सुख मिलता है यश और कीर्ति प्राप्त होती है तथा ज्ञान से स्वर्ग मिलता है । अतः विधा सीखो विधा पहले दुःख का मूल जान पड़ती है किन्तु पीछे वः बड़ी सुख देनी होती है ̕ ̕
ज्ञान से ही मनुष्य तमाम समस्याओ के बाबजूद अवरोधकों से पार जाने का रास्ता ढूढ़ लेता है। ज्ञान के दुवारा ही इंसान संसार के असंभव कार्य को संभव कर लेता है।
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