
सब कुछ अलग होते हुए भी रहना तो दोनों को आजीवन भर साथ है। फिर ऐसा क्या करें की दोनों की विभिंताये आपस में ना टकराए ? क्यों कि पूरी जिदगी घुट घुट कर तो नही जी सकते ? पूरी जिदगी को बोझ की तरह तो नही ढो सकते ? शंक ,उदासी, घुटन, अविश्वास भरी जिदगी तो नही जीना चाहेगें ? बच्चो को अनुचित माहौल में तो नही पाल सकते ?
जहा पति पत्नी के बीच में तनाव रहता है, वहां खुशहाल जीवन हो सकता ? बच्चो को कुठाओ से बचाया जा सकता ? रिस्तो में प्रेम रह सकता है ? बच्चो को आदर्श संस्कार दे सकते हैं ? पति पत्नी के विचारो का टकराव पुरे घर की शांति भंग कर देता है ।
ऐसे माहौल में सिर्फ टेशन हो सकती है । वहां कोई भी खुश नही रह सकता । ऐसे हालातो में घर बिखर कर रह जाते हैं । और बच्चो में भी वे ही नैगेटिव संस्कार पड़ते हैं वे भी कभी भी किसी भी रिस्ते को निभाने में सक्षम नही बन पाते ।
जब पति पत्नी पर इतनी जिम्मेदारी रहती है तो क्या एक दूसरे में कमियां निकालते और लड़ते झगते रहना चाहिए ? या समझदारी से डिशिजन लेने चाहिए ? कही ना कही पति पत्नी के विचारो में मतभेद तो होगा ।
कैसे निबटे मतभेद जैसी स्थिति से -
दोस्तों ! मेरी निगाह में तो एक ही रास्ता है कि- दोनों एक दूसरे को इस्पेस दें। यानी की एक दूसरे की लाइफ में ज्यादा दखल अंदाजी ना करें अपनी ना थोपें। एक इंसान को घूमना पसन्द है और एक को घूमना बिलकुल भी पसन्द नही है तो ऐसे में यही सलूशन है की घूमने वाला अपने फ्रेड सर्कल के साथ घूमे और जिसे घूमना पसन्द नही है वो हर जगह जाने से ना रोके । जो घूमना चाहता है अगर वो कही नही जायेगा, तो उसे घर में घुटन लगेगी और चिड़चिड़ा हो जायेगा।
एक को घर का खाना पसन्द है दूसरे को बाहर का कहना पसन्द है तो एक दूसरे की भावनाओ की कद्र करते हुए, कभी कभी बाहर खाना खा लेना चाहिए । बाहर के खाने को पसन्द करने वाले को घर में खाना चाहिए । हर चीज में सिर्फ अपनी ही ख़ुशी ना खोजें । ये खुद गर्जी है और खुद गर्ज इंसान सिर्फ दुसरो को टेंशन देता है। अब आप खुद ही सोच लो की आप अपने लाइफ पार्टनर के लिए टेशन बनना चाहते हो या शकुन ?
एक को घर का खाना पसन्द है दूसरे को बाहर का कहना पसन्द है तो एक दूसरे की भावनाओ की कद्र करते हुए, कभी कभी बाहर खाना खा लेना चाहिए । बाहर के खाने को पसन्द करने वाले को घर में खाना चाहिए । हर चीज में सिर्फ अपनी ही ख़ुशी ना खोजें । ये खुद गर्जी है और खुद गर्ज इंसान सिर्फ दुसरो को टेंशन देता है। अब आप खुद ही सोच लो की आप अपने लाइफ पार्टनर के लिए टेशन बनना चाहते हो या शकुन ?
No comments:
Post a Comment