दोस्तों ! स्वेट मार्डन का कहना है कि इंसान की सक्सेस की राह का सबसे बड़ा रोड़ा आलस्य है । आलस्य से इंसान के सभी गुण छिन हो जाते हैं । जो भी इंसान आलस्य की चपेट में एक बार आ गया वो मुश्किल ही फिर निकल पाया है । आलसी इंसान के लिए सक्सेस होना असंभव है । आलसी इंसान अपने लक्ष्य को तय नही कर पाता ।
सामर्थ्यवान होकर भी अपने हाथ में आये हुए अवसर खो देता है। इसलिए वो दरिद्र व लाचार बना रहता है । किसी भी कार्य को कल पर छोड़ने की आदत इंसान को सक्सेस नही होने देती । इसलिए हर काम को आज और अब करने की आदत बनाए ।
आलस्य व लापरवाही पूर्ण समर्पण नही करने देती :-किसी भी कार्य में तभी सक्सेस मिल सकती है जब पूर्ण समर्पण हो । पूर्ण समर्पण के आभाव में सक्सेस नही मिल सकती और मिल भी गई तो ज्यादा दिन नही ठहर सकती ।
आलस्य क्यों आता है ? दोस्तों ! ज्यादातर तो जिस कार्य में हमारी रूचि ना हो और वो करना पड़े तब हमे आलस्य आता है । अगर हमारी रूचि के अनुसार कार्य है, तो हमे आलस्य नही आयेगा । आपने देखा होगा जिसे जो कार्य करने का शोक है वो उस कार्य को करके गुड़ फील करता हैं । उन्हें उस कार्य से कभी भी आलस्य नही आयेगा । जैसे जिन्हें क्रिकेट खेलने का शौक है उन्हें क्रिकिट खेलने में आलस्य नही आयेगा । इसलिए अपनी पसंद का कार्य करो ।
आपसी अनबन संघर्ष व आत्मविश्वास की कमी :- इन कई बार विपरीत हालातो के चलते भी थक जाता है । और थकान इंसान को कमजोर बना देता है । और कमजोर इंसान आलस्य के कब्जे में आ जाता है। आलस्य उसे बेबस बना देता है । आलस्य और गुस्सा दोनों ही जीवन में रुकावट पैदा करते हैं । आलस्य पुरषार्थ को ऐसे जला डालता हैं जैसे अग्नि सब कुछ जला कर राख कर देती है। इसलिए किसी भी कार्य में आलस्य ना करें । आलस्य के और भी कई कारण हो सकते हैं -जैसे थकावट होना , सही मेहनताना न मिलना , सही इन्वार्मेट का ना होना ,नींद का पूरा ना होना आदि ।
आलस्य से कैसे बचें :- आलस्य से बचने का सिर्फ एक मार्ग है जिस कार्य को करते हुए आपको आलस्य आ रहा है उसे करने के लिए जबरजस्ती लग जाएं । और तब तक मेहनत करते रहे जब तक आप मंजिल तक ना पहुच जाएं ।आप थोड़ी ही देर में देखेंगे की आलस्य का भुत अपने गायब हो जायेगा । किसी भी कार्य को छोड़ते हुए ये जरूर सोच लें कि आलस्य जीते जी मनुष्य की कब्र है ।
अपने लिए कोई लक्ष्य तय करें :- जब आप अपने लिए कोई लक्ष्य तय करेंगे । तो वो लक्ष्य आप को आलस्य नही करने देगा । आप थक भी जाओगे तो भी आपकी निगाह लक्ष्य पर टिकी रहेगी । और उठकर आप दुबारा से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ जाओगे । आलस्य उन लोगो को आता है जिनके जीवन में कोई लक्ष्य नही होता ।
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