Wednesday, August 24, 2016

समय अमूल्य सम्पदा है इसे व्यर्थ ना गवाएं


Image result for samay ka pabandदोस्तों ! समय भी रेत की भांति मुठी में से कब फिसल जाता है पता ही नही चलता। विभिन्न जिम्मेदारियां निभाते-निभाते हमे ये ही पता नही चलता कि हमारी उम्र कब बीत गई। इन सबके बीच में कही ना कही हमारे कुछ सपने छूट जाते हैं । फिर एक समय ऐसा आता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और हमारे लिए वक्त ठहर सा जाता है। ऐसा क्यों होता हैं ? क्यों हम समय के साथ खुद को नही बदल पाते ? क्यों हमारे जीवन में ठहराव आ जाता है । क्यों हम अपनी लाइफ अपनी शर्तो पर नही जी पाते ? बीता हुआ वक्त लौटकर नही आता ये जानते हुए भी हम कितना समय बर्बाद करते हैं । जिदगी में कामयाब होना है  तो वक्त की वेलूय समझनी होगी | लाइफ में जब भी समय मिले अपने सपने साकार करने की शुरुवात कर देनी चाहिए । सी एस लुइस ने कहा है कि -

"आप कभी भी इतने बूढ़े नही हो सकते कि एक नया लक्ष्य निर्धारित ना कर सको या एक नया सपना ना देख सको "
                           
आप को अनुशासित जीवन जीना होगा, नही तो वक्त  हाथ से निकल जायेगा :- बीता हुआ वक्त तो हाथ नही आ सकता लेकिन जो समय चल रहा है उसका सही उपयोग करना आना चाहिए। समय की एक- एक मिनट किमती है । समय अपनी गति से चलता रहता है । समय के साथ कदम मिलाकर चलने में ही मानव जीवन की भलाई है । जो समय के साथ चलते हैं उनके ही सफलता कदम चूमती है । और जो समय के अनुसार नही चल पाते वे सफलता से दूर होते जाते हैं । हर साँस के साथ जीवन की एक अमूल्य निधि समय की घट रही है । जो समय का महत्व समझते है उन्हें समझो की नई जिदगी मिल गई है और जो समय की वेल्यु नही समझते उन्हें समझो की वे भाग्य व भविष्य को ठुकरा रहे हैं। जो बहुत बलवान है शक्ति शाली है लेकिन समय को ठुकराते हैं उन्हें समय ठुकरा देता है । 


खोया हुआ धन व स्वास्थ एक समय को वापिस मिल  सकता है लेकिन बीता हुआ वक्त कभी भी वापिस नही आता:- जो समय के महत्व को समझते है वो कभी भी अपना समय बर्बाद नही करते। एक-एक घन्टा जुड़कर हफ्ता बन जाता है, हफ्ता महीना और महीना को साल बनते पता ही नही चलता । सही कहा था किसने कि- 
" गपसप मारने वाले लोगो को मन करना सीखो । क्यों कि अगर आप मना ना कर पाए तो आप समय से पिछड़ जाओगे "
जिदगी का पुरा समय खाना, पीना, सोना, दोस्तों के साथ मस्ती करने में मत गवाओ। जिदगी का मजा लो लेकिन इसे बर्बाद मत करो। आनंद बहारी चीजो से नही मिलता बल्कि हमारी भीतरी स्थिति से मिलता है। बाहरी सुख तो क्षणिक होते हैं। लेकिन आनंद  अपने अंदर से  ही मिलता है और अंदर से तब मिलता है जब हमारे अंदर सकारत्मक सोच  शांति और अध्यात्म हो  । 


लाइफ में कुछ अच्छा करने के लिए हर दिन हर घण्टे मानसिक रूप से वहां रहना होगा:- क्यों कि हमारा मन बहुत ही चंचल है। इधर उधर बातें करने से अच्छा है कि  आप किताब पढें । पढे हुए किसी एक विचार से आप की सोच बदल सकती है और सोच से जिदगी बदल सकती है आपका बात करने का ढंग बदल सकता है | 


समय रूपी संपदा की किम्मत पर कोई भी सफलता पाई जा सकती है :- जो भी दुनिया में महापुरुष हुए हैं उन्होंने समय की पूजा की है । और जो आलसी होते हैं  वे समय को चूक जाते हैं । इसलिए समय का संयम रखना परम् आवश्यक है। जितना सफलता के लिए परिश्रम व पुरषार्थ जरूरी है उतना ही समय समाजस्य जरूरी है | मनुष्य की तरक्की का सबसे बड़ा रोड़ा अनियमतता है।समय के समाजस्य से श्रम सम्पत्ति बनता है । कार्य का सही समय पर करना कार्य के प्रति ईमानदारी है । 


समय के पाबंद होना सीखें व्यर्थ के कार्यो में समय बर्बाद करने की बजाय लक्ष्य तय करे और उसे पाने के लिए सही स्ट्रेजी बनाकर कड़ी मेहनत करे:- हम रोजमर्रा की जिदगी में इतने उलझ जाते हैं की काम को महत्व ना देकर फिजूल के कार्य में समय नष्ट करते हैं । और महत्वपूर्ण कार्यो को छोड़ देते हैं। अगर आप बदलते हुए समय के साथ नही चलोगे तो पीछे रह जाओगे। जिंदगी में दोस्त सबसे पहली रिक्वारमेंट है लेकिन अगर आपके दोस्त ही टाइम पास हैं तो जिदगी में पीछे धकेलेंगे । इस लिए पहले ये जरूर सोच लें की ये लोग आपको सहयोग देगे या पीछे धकेलेंगे। ऐसे लोगो से हमेशा दूर रहो जो आपको पीछे धकेलते हो। आपके पास सिर्फ 24 घण्टे हैं और इन्ही घण्टो में आपको सारे कार्य करने है। और व्यवस्थित ढंग से करने है।       


 


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