Sunday, August 14, 2016

शब्द हथियार से भी गहरे जख्म देतें हैं !!!

            
एक बहुत ही अमीर इंसान था। लेकिन उसमे घमंड बहुत था, उसके नोकर चक्करो को मालिक के बिना बुलाये उसके पास में जाने की इज्जाजत नही थी । घर के नोकर चाकरों व कम्पनी के वर्करों को एक बार कोई काम समझा व बता दिया जाता था। अगर फिर उनसे अगर गलती से भी गलती हो गई तो बिना कारण जाने ही काम से निकाल दिया जाता था ।

खुद कभी भूल से भी किसी से बात नही करता था। और अगर किसी  ने गलती से भी कुछ पूछ लिया या बोल दिया तो फिर वह उस इंसान की दुबारा सकल नही देखता था । इस व्यवहार के चलते  उसके बीबी, बच्चे  व घर परिवार  का कोई भी सदस्य उसके साथ नही रहता था , वह  बिलकुल अकेला  था ।

तनख्वा सबको अच्छी देता था, पर सिर्फ  काम के बदले । इसके  सिवाय किसी से कोई मतलब नही था । अगर एक दिन भी कोई व्यक्ति काम पर नही पहुँचा तो दो दिन की तनखा काट लेता था किसी को कुछ भी बोलने की इजाजत नही थी। इस तानाशाही की वजह से सब लोग उससे दूर ही रहते थे और कोई काम करता भी था तो सिर्फ मजबूरी  में  करता था । 

एक दिन वह अपने बगीचे में घूम रहा था ,  तो वो अचानक गिर गया । किसी भी नोकर की उसके पास जाने की हिम्मत नही हुई सबको अपनी नोकरी प्यारी थी , या सब डरते थे ।  लेकिन एक बुजर्ग माली से देखकर रहा  नही गया वो वहा पहुंचा । उसने देखा की इसकी तबियत बहुत अधिक खराब है तो वो भाग कर किसी डॉक्टर को बुला लाया ।  

डॉक्टर ने देखकर उसका इलाज किया। उसके थोड़े ठीक होने पर डॉक्टर ने बताया की अगर आपकी तुरन्त देखभाल नही होती तो आप नही बचते आपको तो इस बुजर्ग ने बचाया है । ये सुनकर माली से कुछ बातें करने लगा । एक दिन माली को उसने खाने पर बुलाया । माली जैसा था  नहा धोकर,  ठीक ठाक कपड़े पहनकर वहां  पहुंचा  । 

जब माली वहां पहुंचा तो,  रहीस आदमी माली के मेले कुचेले भेष को देखकर बोला की तू कितना गंदा रहता है, तेरे में से बदबू आ रही है , तेरे साथ खाना तो क्या खड़ा होना भी मुश्किल  हो रहा है । ऐसा है की ये ले कुछ पैसे  अच्छे कपड़े  ले लेना और साफ सुथरा हो कर  मेरे घर आना तब बात करेंगे । 

ये सुनकर माली को बहुत दुःख हुआ लेकिन वह कुछ  नही बोला और वापिस अपने घर आ गया । 

एक दिन वह रहीस उस माली के पास पहुँचा। और बोला की  मैने तुझे अपने घर बुलाया था, तु मेरे पास क्यों नही आया ? माली हाथ में दराती लिए हुए था उसने अपने हाथ में गहरा घाव किया और बोला मालिक आप एक हफ्ते बाद आना तब में बताउंगा की में क्यों नही आया । 

रहीस इंसान फिर एक हफ्ते बाद माली के पास पहुँचा और बोला की तेरा घाव कैसा है और तू मेरे पास क्यों नही आया था ? 
    

माली हाथ दिखाते हुए बोला मालिक, जो घाव मेरे हाथ में लगा था वो तो एक हफ्ते में पूरी तरह भर गया। लेकिन जो घाव आपके शब्दो से लगे थे वो अभी तक भी नही भरे । यही कारण था की में आपसे मिलने नही आया ।  

दोस्तों! आपने इस कहानी से क्या सबक लिया ? हर इंसान के अपने हालात ,अपनी सोच , अपना एक माहौल होता है जिसके akodig चलता है । इसलिए कभी भी किसी के निजी जीवन पर टिप्पणी नही करनी चाहिए । 

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