
अगर आप प्रभावशाली इंसान बनना चाहते हो तो बोलने से पहले ये जरूर सोच लें कही आपके शब्द किसी की छवि तो नही बिगाड़ रहें ? किसी को नीचा दिखाने के लिए तो नहीं बोल रहे ? आपके बोलने का महत्व क्या है ? आपके शब्द सही हैं या गलत ? भ्रम पूर्ण व अफवाजनक बातों का महत्व कम होता है ।
आपकी वाणी आपके व्यक्तित्व को व्यक्त करती है:- आपके वार्त्लाप से ही सुनने वाले आपका स्तर तय करते हैं । जब आप मधुर व संयमित वाणी बोलते है तो इससे श्रेष्ठ व्यक्तित्व का पता चलता है। वाणी पर संयम और मिठास से आपकी शालीनता का पता चलता है। और जब आप तेज तेज बोलते हैं तो आपके अशिष्ट व्यवहार का पता चलता है और कड़वे वचन आपके ईगो और कुसंस्कार को जाहिर करते हैं ।
कुशल वक्ता, घर व समाज में सबको अपने व्यक्तित्व का कायल बना लेता है :-कुशल वक्ता बनने के लिए आपको बोलने की कला सीखनी होगी । बोलने की बजाए दुसरो की बात ध्यान से सुनें । तभी आप किसी को तर्क पूर्ण ढंग से जवाब दे सकते हो । इंसान के शब्दो में वो चुम्बकीय शक्ति है जो अपनी बातो से काम करवा भी सकती है, और बिगाड़ भी सकती है । मधुर व्यवहार से आप अपने परिवार का व साथियों का दिल जीत सकते हो , कामयाबी व कीर्ति पा सकते हो । व गलत बोल कर रिस्तो में खटास भर सकते हो।
कड़वे शब्द आपकी छवि बिगाड़ते हैं :-हमेशा सत्य बोलना चाहिए ,असत्य से बचना चाहिए। अपने शब्दो में कटुता नही आने देनी चाहिए । वाकशक्ति का संचय करें व्यर्थ की बातो में ना उलझें । आज वाणी की हिंसा बढ़ गई है । इसकी वजह से घर व समाज की शांति भंग होती जा रही है । कड़वे शब्द आजीवन ऐसा कष्ट पहुँचाते हैं जिसे हम चाहकर भी नही भूल पाते । अगर इंसान अपनी वाणी पर कंट्रोल कर ले तो बड़े से बड़े तूफान को रोका जा सकता है। इसलिए संयम रखना बहुत जरूरी है ।
बोलते वक्त समय का ख्याल रखें :- गलत समय पर बोलने से आपके शब्दो का कोई महत्व नही रहेगा। कुछ लोग बोलते वक्त उत्तेजित हो जाते हैं। और बिना किसी वजह के चिल्ला चिल्ला कर बोलने लगते हैं । ये तरीका गलत है जब भी बोलें विन्रमता से बोलें , दुसरो की बातें ध्यान से सुने। क्यों कि सुनते वक्त ही किसी को विश्वास व सहानुभूति जता सकते हो ।
किताबें पढ़ना व अच्छा बोलने के साथ साथ उन पर अम्ल करना भी जरूरी है :- एक रिसर्च में पाया गया है कि यदि दस लोग सक्सेस की किताबे पढ़ते हैं तो उसमे से 1 ,२ % ही उसे व्यवहार में लाते हैं । पेप्सी की चेयर मैन इंद्रा नुई कहती हैं कि -
गलत बोलकर अपनी इमेज न बिगाड़े :- व्यवहार को लेकर सतर्क रहना चाहिए । ऐसा व्यवहार भूलकर भी ना करें जिससे किसी का दिल दुखे। हमे परिस्थिति के अनुसार व्यवहार में सामंज्यस्ता लानी चाहिए। बच्चा एक साल में बोलना सीख लेता है लेकिन क्या बोलना है इसे मनुष्य पूरी जिदगी में नही सीख पाता। और जो सीख लेता है उसके जीवन में हमेशा शांति बनी रहती है। अगर आपके शब्दो को श्रोता ठीक तरह से नही समझ पाए तो सब कुछ गड़बड़ हो जाता है ।
गलती होने पर तुरंत माफ़ी मागें :- कई लोग गलती होने पर अपनी गलती दुसरो पर थोपते हैं । जबकि ये बात बिल्कुल गलत है क्यों कि कोई भी बात ज्यादा दिन तक छिपी नही रह सकती । सोचते हो कि आप इस इल्जाम से बच सकते हो तो गलत सोचते हो आप जिस काम में इन्वाल्व हो उसमे जो भी गलती हुई है उसे मानना ही पड़ेगा । कई बार गलतियों को छिपाना मंहगा पड़ सकता है गलती करना गुनाह नही है उसे छिपाना गुनाह हैं ।
प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखने के लिए अपनी नालिज बढ़ाए :- कई लोग विषय पर अच्छी पकड़ होने के बाबजूद भी अपनी बात प्रभाव शाली तरीके से नही रख पाते । बात को प्रभावशाली रूप से रखने के लिए जिस भी कांसेप्ट पर बोलने जा रहे हो उसके बारे में सारी जानकारी आपके पास हो। बिना जानकारी के आप किसी को कुछ नही समझा सकते, और ना ही खोकली बातो से किसी को उल्लू बना सकते। किसी भी जानकारी को रटने की बजाए समझे तभी आप किसी को ठीक तरह समझा पाओगे ।
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