Monday, August 29, 2016

क्या हमारे देश की गरीबी नही मिट सकती ?


Image result for bhikhari sardi se mar gayaदोस्तों ये दो न्यूज ऐसी सुनी जीने सुनकर दिल धेल गया । एक उड़ीसा में अपनी  42 वर्षय पत्नी की लाश को 12 किलोमीटर तक  अपनी छोटी बेटी के साथ अपने कन्धे पर लेकर गया । किसी ने भी उसकी हैल्प नही की, ना किसी हास्पिटल वालो ने और ना ही किसी बहार देखने वालो ने । 

वीडियो में देखा की लोग खड़े देखते रहे लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नही आया । जो वहा देख रहे थे उनसे एक ही सवाल है मेरा क्या वहा क्या तमाशा देख रहे थे ? क्या वो  सब इतने गरीब थे की उसकी मदद नही क्र सकते थे ?   

दूसरी।  मध्यप्रदेश में एक आदमी अपनी पत्नी को बस में इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जा रहा था । पत्नी के रस्ते में दम तोड़ देने पर, कंडक्टर और डिराइवर ने 5 दिन की बच्ची को लेकर बारिस में ही उसके पति सास और डेड बॉडी को रस्ते में उतार दिया । 

इससे इंसानियत शर्मसार नही हुई ? सोने की चिड़िया कहलाने वाला हमारा  भारत देश इतना गरीब कब से हो गया ? जहां जिन्दा तो क्या मरे हुए इंसान की  डेड बॉडी के जाने के लिए भी कोई बदोबस नही हो सका ?    

अगर सरकार ने ही उन की हैल्प नही की तो आम इंसान तो उनकी हैल्प कर ही सकता था ?  क्या ये सिर्फ सरकार का ही काम था ? क्या इंसानियत के नाते हमारी आपकी कोई जिम्मेदारी नही बैठती ? 

सरकार ने आँख पर पट्टी बांध रखी है लेकिन हमारी आखों पर तो पटटी नही है हम तो देख सकते हैं । सरकारी अफसरों को पैसे ने अंधा कर दिया है उन्हें पैसे ही दिखाई देते हैं और पैसा ही सुनाई देता है। उन्हें पैसे की खनक की आवाज में किसी मजबूर की आवाज नही सुनाई  देती ।  

लेकिन हम लोगो को दुसरो की मजबूरी और हालात दिखाई देते हैं ना ? हम लोगो में से भी, किसी के  भी साथ ऐसे हालात पैदा हो सकते है ना ? फिर क्यों एक दुसरो की हैल्प  के लिए सामने आकर खड़े नही  होते ? 

अगर हम इंसानियत के नाते भी एक दूसरे की मदद करें तो ऐसे हालात पैदा ना हो। आप को एक आखों देखी बात बताती हुं - 

हम कही जा रहे थे हमारे आगे एक बस से बंदर टकराकर मर गया । दो बंदर ना जाने कहा से आये और एक दम  उसे खीच कर अलग ले गए ।   और दूसरे बंदर ने इतना सौर मच दिया  कि  वहा  मिनटों में सेकड़ो बंदर इकठे हो गए। और एक भी  गाड़ी  को आगे नही बढ़ने दिया। 

और आज इंसान की इतनी इंसानियत मर चुकी है कि -एक मरते हुए इंसान को देखते हुए आगे बढ़ जाते हैं । वो मरने वाला  किसी का बेटा किसी का पति किसी का बाप किसी का भाई बन्द होगा । 


हमारी थोड़ी सी हैल्प से किसी की जान बच जाएं ,कोई अनाथ होने से बच जाए  किसी का घर उजड़ने से बच जाएं, किसी का बुढ़ापे का सहारा बच जाएं ,किसी की मांग उजड़ने से बच जाएं क्या इससे बड़ी कोई बात हो सकती है ?  

दोस्तों आप पढने वालो से एक ही रिक्वेस्ट है कि जब भी  आप की हैल्प की जरूरत पड़े तो आप जरूर हैल्प करना । अगर आप में से एक ने भी किसी जरूरत मंद की हैल्प कर  दी तो मेरा लिखना सफल हो जाएगा । नही तो ये आर्टिकल पढ़ना और लिखना ऐसे समझो जैसे भैष के सामने बिन बजाना । 


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