Friday, August 12, 2016

संगत का असर !!!


 दोस्तों !  संगत का  इंसान पर इतना  गहरा  असर पड़ता है कि - कभी कभी तो खून का असर भी संगत के असर को कम नही कर पाता । अच्छा हो या बुरा एक बार जैसा रंग चढ़ गया फिर वो मुश्किल ही उतर पाता है  ।' पहलाद'  पर नारद का असर पड़ा था, और दर्योधन पर शुकनि का । दुनिया जानती हैं कि संगत के  असर को सारा समाज भी मिलकर कम नही कर पाया था । और असर के चलते सारा समाज ही खत्म हो गया था । में आपको कहानी सुनाती हुं - 
                    
एक माँ  के तीन बेटे थे । बीच वाले बेटे का लगाव गांव में रह रहे चाचा ताऊ व उनके परिवार के लोगो से ज्यादा था । इसलिए वो हर छुटटी में गांव जाता । माँ बाप को भी कोई प्रॉब्लम नही थी उनके भी ये था की अपना घर है इससे आना जाना रहेगा परिवार में प्रेम व एकता बनी रहेगी । 

चाचा के लड़के 'सचिन' की दोस्ती कुछ गलत लड़को से थी । और रवि की सचिन से थी । एक तो दोस्ती दूसरे चाचा ताऊ के भाई  भाई इसलिए इस दोस्ती पर किसी को एतराज भी नही था । उनके परिवार की  एक लड़की किसी दुसरे परिवार के लड़के को चाहती थी । उस लड़की ने अपने बॉय फ्रेंड से कहा की हमारे परिवार में और तो सब सीधे साधे लोग हैं लेकिन सचिन हमारी शादी नही होने देगा । 

मेरे माँ बाप इनसे ऊपर होकर कोई काम नही करेंगे । एक तो ये परिवार का बड़ा बेटा हैं दुसरे इसकी दोस्ती गलत लड़को से है । अगर हमने भाग कर शादी की तो ये हमे मरवा देगा । लड़की के बॉय फ्रेंड ने जब ये सुना तो उसे एक रास्ता नजर आया की  में इसे मार  देते हुं  तभी हमारी शादी हो सकती है । 

एक दिन उसने सचिन पर गोली चला दी । इससे सचिन बच तो गया लेकिन फिर उसे लगा की अगर इसे मैने  नही मारा तो ये मुझे  मार देगा । एक दिन रवि भी गांव में गया हुआ था उसी दिन सचिन का दाव लगा और उसने उस लड़के को गोली मारी, लेकिन  वह लड़का उस गोली से नही मरा । 


रवि ये देख रहा रहा था । रवि के मन में आया कि अगर ये जिंदा रहा तो पुलिस केस बन जायेगा इसने हमे देखा है, तो नाम मेरा भी आयेगा । ये सोचकर रवि ने सचिन के हाथ से पिस्टल ली और उस लड़के के सीने में कईं गोली मर दी जिससे वह  मर गया ।  

जब ये पता उस लड़के के भाई को चला तो उसने फिर इन्हें मरना चाहा । लेकिन कुछ बड़े लोगो ने मिलकर इनका फैसला करवा दिया ।  उस फैसले में  रवि व सचिन के परिवार वालों ने  25 लाख रूपये उनको दिए । लेकिन उन्होंने 25 लाख में ही फिर किसी गुंडे से मिलकर सचिन को मरवा दिया । 

अब वे रवि के पीछे हैं । वैसे भी रवि  उस दिन से लेकर आज तक फिर किसी ना किसी कांड में फंसा ही रहता है । माँ बाप ने ये सोच कर शादी कर की थी शायद  शादी के  बाद ये बदल जाएं । रवि बदलना चाहता है लेकिन आज तक उसकी वह  गलती या गलत संगत का असर पीछा नही छोड़ रही अब रवि के बच्चे बड़े हो गये  हैं। 

एक तरफ वो अपने बच्चो को अच्छी परवरिश देना चाहता है और उधर वो लोग इसे मारने  की ताक में हैं । एक गलत दोस्ती की वजह से पूरी  कमाई रवि को बचाने के चक्कर में लग गई है।  और पुरे परिवार को रात दिन का डर और दुनिया भर की बदनामी । कहते है कि -

   '' रहत कुसंग चाहत  कुशल , रहिमन रहे ये सोच, महिमा घटी समुंदर की रावण बसा पड़ोस " 

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